गर्मी का मौसम आते ही शहरों में रहने वाले लोगों ने AC और Cooler जैसी चीजों को परोसना शुरू कर दिया है। ये सभी बिजली के उपकरण भीषण गर्मी से राहत दिलाने और घर को ठंडा रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, हालांकि इनके लगातार इस्तेमाल से बिजली का बिल भी कई गुना बढ़ जाता है।
इसके अलावा AC जैसी चीजों के इस्तेमाल से पर्यावरण और सेहत को भी नुकसान पहुंचता है तो क्यों न मिट्टी के बने एसी (Dirt AC) का इस्तेमाल किया जाए। टेराकोटा AC नाम का यह अनोखा उपकरण टेराकोटा मिट्टी से बनाया गया है, जो छत्ते की तरह दिखता है।
Dirt AC (मिट्टी का AC) कैसा होता है?
मधुमक्खी जैसा यह उपकरण, जिसे मधुमक्खी के छत्ते के एयर कंडीशनर (AC) के रूप में भी जाना जाता है, यह दिल्ली के वास्तुकार मोनीश सिरिपुरपु द्वारा डिजाइन किया गया था। मनीष कई सालों से अलग-अलग तरह की मिट्टी पर काम कर रहा था ताकि वह मिट्टी से एक खास तरह का AC बना सके।
दरअसल, मोनीश ने दिल्ली की एक फैक्ट्री में भीषण गर्मी में मजदूरों को काम करते देखा तो उन्होंने AC (मिट्टी का AC) बनाने का फैसला किया जो फैक्ट्री की गर्मी और वहां के माहौल को आसानी से झेल सके। मोनीश ने AC बनाने के लिए अलग-अलग जमीन पर प्रयोग करना शुरू किया, जिसके बाद उन्होंने इस काम के लिए टेराकोटा की मिट्टी को सबसे उपयोगी पाया।
मिट्टी से AC बनाने का विचार कैसे आया?
सालों से मिट्टी पर काम कर रहे दिल्ली के आर्किटेक्ट मनीष सिरिपुरपु ने 2015 में पहला मिट्टी का AC बनाया था। जब वे दिल्ली की एक फैक्ट्री में गए, जहां उन्होंने देखा कि सभी मजदूर भीषण गर्मी में काम कर रहे हैं, तो उन्होंने मिट्टी का AC बनाने का सोचा। उस कारखाने में गर्मी इतनी तेज थी कि वह और उसके साथी 10 मिनट भी गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सके। मजदूरों को इतनी परेशानी में देखकर उन्होंने टेराकोटा AC पर काम करना शुरू कर दिया।
मिट्टी का AC कैसे काम करता है?
टेराकोटा मिट्टी से मड AC बनाने का मकसद पानी को घंटों ठंडा रखना था तो मिट्टी का AC ठंडी हवा क्यों नहीं दे सकता? इस विचार पर काम करते हुए, मोनीश और उनकी टीम ने एक टेराकोटा AC डिज़ाइन किया, जिसे हाइव डिज़ाइन दिया गया था।
इसके बाद टेराकोटा AC का उपयोग करने के लिए मिट्टी से बने पाइप के माध्यम से पानी भरना पड़ता है, जिसे ट्यूब के नीचे बने एक बड़े टैंक में रखा जाता है। उस टैंक में पानी अक्सर एक इलेक्ट्रिक मोटर की मदद से ट्यूब के माध्यम से पारित किया जाता है, जिससे पाइप के अंदर से ठंडी हवा निकलती है।
मोनीश सिरिपुरपु के मुताबिक, मिट्टी का यह AC बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों को अंदर से ठंडा रखने का काम करता है, जहां सैकड़ों मजदूर गर्मी में काम करते हैं। एक कारखाने में टेराकोटा AC लगाया गया है जहां डीजल की अधिक खपत के कारण परिवेश का तापमान बहुत गर्म हो रहा था।
तापमान 7 डिग्री तक कम होता है
ऐसे में मिट्टी के AC से तापमान लगातार कम हो रहा है, जिससे फैक्ट्री में काम करने वालों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिले। एक ओर जहां आधुनिक AC कमरे को अंदर से ठंडा करता है, वहीं यह बाहरी क्षेत्र को बहुत गर्म बनाता है। वहीं मड AC अंदर के तापमान को 7 डिग्री कम कर देता है, वहीं बाहर के तापमान को भी नहीं बढ़ाता है।
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यह मिट्टी के AC न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि यह बिजली के बिलों पर बहुत सारा पैसा भी बचा सकता है। मिट्टी का AC विशेष रूप से कारखाने के उपयोग के लिए बनाया गया है, लेकिन आप चाहें तो इसे अपने घर में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जो आपकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और ग्लोबल वार्मिंग को नहीं बढ़ाएगा।